Focussed Awareness

 व्हाट्सएप ग्रुप्स में से एक में एक एक्सरसाइज को ले कर डिबेट खड़ी हो गई। एक सज्जन बोले "मजाक चल रहा है क्या?" दूसरे सज्जन, सदस्यों से उनके असाइनमेंट पर आधारित स्टेटमेंट को ले कर जिरह बहस करने लगे। वहां से ये पोस्ट उठी है, आप भी पढ़ सकते हैं।

एक बात बताती हूँ आप सबको। मैं एक टेक्नोलॉजी फर्म में एक नौकरी करती थी एक वक़्त। लेकिन मैनेजमेंट रोल में थी। इसलिए मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी दोनों समझने पड़ते थे। एक दिन एक क्लाइंट के साथ मीटिंग में बॉस ले के गए। वहां, बॉस ने की टेक्नोलॉजी की बात, मैंने की मैनेजमेंट की बात, लेकिन क्लाइंट सिर्फ दीन दुनिया की बात करता रहा।

कई बार बड़ा मन किया कि क्लाइंट से पूछूँ कि भाई किधर घूम रहे हो? लेकिन मैं वहाँ सबसे जूनियर थी, और दूसरा सीखने गयी थी, इसलिए चुप रही। लेकिन बॉस, उसकी हर बात को घुमा फिर कर हमारे टेक्नोलॉजी / मैनेजमेंट बिज़नेस सोलूशन्स / प्रोडक्ट से जोड़ देते। जब हम वापस आये तो मुझसे मेरे बॉस ने पूछा - "अनुपमा आज क्या सीखा?" मैंने कहा ये सीखा कि नेटवर्किंग कितनी ज़रूरी है बिज़नेस डील्स के लिए। और क्लाइंट को बिना लड़े , बिना ऑफेंड किये कैसे निगोशिएट करें।

उन्होंने कहा " ये तो अच्छा है, लेकिन इससे ज़रूरी बात ये है, कि तुम्हारी पकड़ अपने विषय पर बहुत गहरी हो, और दूसरे बहुत सारे विषयों पर सामान्य समझ होने भर लायक आता हो। " कई सालों बाद Clayton Christensen की एक पुस्तक में पढ़ा - इसे innovation की दुनिया में T-shaped personality कहते हैं। Management jargon में इसे one mile deep, one mile wide भी कहते हैं। सामान्य भाषा में इसे general awareness with focus कहा जा सकता है।

ये बात मैं यहाँ क्यों लिख रही हूँ? क्योंकि इस ग्रुप का focus या one mile deep अंग्रेज़ी है। और हमारा ध्यान वहां से भटकेगा तो ये ग्रुप सिर्फ एक और प्लेटफार्म बन जायेगा random discussions का।

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